केरल में फैल रही है मम्स की समस्या, जानें बच्चों के लिए मम्स कितना खतरनाक

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कनफेड यानी की मंप्स एक गंभीर संक्रमण है, जो अक्सर बच्चों को होता है। ये एक बहुत बड़ी समस्या है, जिस पर जल्द ही ध्यान देना आवश्यक है। केरल में मंप्स के मामले अचानक तेजी से बढ़ने लगे हैं (case of mumps in Kerala)। नेशनल सेंटर फॉर स्टेट डिजीज कंट्रोल के अनुसार, मार्च में इस वायरस के 2505 केस देखे गए हैं। वहीं, 2024 के पहले दो महीने में लगभग 11467 केस सामने आए हैं। न केवल केरल में, बल्कि पूरे भारत में, मम्स के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंतित कर दिया है। जैसे-जैसे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, इस पर जल्दी नियंत्रण पाना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बचाव के कुछ मूल और आवश्यक टिप्स

हेल्थ शॉट्स ने फॉर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम की इनफेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ नेहा रस्तोगी पांडा से बात की, क्योंकि मम्स के मामलों में वृद्धि हो रही है। एक्सपर्ट ने समस्या के बारे में बताते हुए बचाव के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जो संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

क्या है कनफेड़? 

यह एक वायरस से फैलता है। ये आमतौर पर चेहरे के दोनों तरफ के ग्लैंड पर असर डालता है। यह सलाइवा बनाने वाले ग्लैंड पैरोटाइड ग्लैंड हैं। इस संक्रमण के मामले में ग्लैंड सूजन और बहुत दर्द होता है। कनफेड़ से बहरापन, मेनिनजाइटिस, ऑर्काइटिस और एन्सेफलाइटिस जैसी अन्य बीमारियां हो सकती हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली सलाइवा की छोटी-छोटी बूंदों से फैलता है। यही कारण है कि इसके प्रति जागरूकता महत्वपूर्ण है।

क्यों इतनी जल्दी फैल रही है? कनफेड़

मार्च महीने में केरल में दो हजार से अधिक मम्स मामले सामने आए हैं। जबकि पिछले चौबीस घंटे में मम्स से पीड़ित सौ से अधिक बच्चे हैं। मम्स वायरस, यानी मम्स का मुख्य कारण है। इस वायरस बदलते मौसम में अधिक खतरनाक होता है। यह किसी बीमार व्यक्ति द्वारा छींकने या खांसने पर निकलने वाले तरल पदार्थ से फैल सकता है। ये वायरस कई घंटों तक सतह पर रहता है। यही नहीं, मंप्स वायरस किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। वायरस भी इंफेक्टेड व्यक्ति के जूठे बर्तन, बॉटल आदि पर लगे सलाइवा से फैल सकता है।

इन लक्षणों वाले बच्चों में मम्स

हाई फीवर, भूख न लगना, सिर दर्द, थकान, सुस्ती, कमजोरी और दर्द, सामान्य रूप से अस्वस्थ महसूस करना इसके लक्षणों में पैरोटिड ग्लैंड में सूजन और गालों के निचले हिस्से में सूजन भी शामिल है। जो पैरोटिड ग्लैंड को तेज दर्द देता है। खाना चबाने और निगलने में भी दर्द या असुविधा हो सकती है। कभी-कभी सूजन इतनी बढ़ जाती है कि बच्चे को बात करते हुए भी दर्द होता है।

जानें कैसे कनफेड़ से बचें।

  1. वैक्सीन लगवाएं

कनफेड़ से बचाव का एक सबसे अच्छा उपाय एमआर वैक्सिनेशन है। इससे बचाव के लिए सबसे प्रभावी उपाय मीसल्स, मम्स और रुबेला (MMR) वैक्सीन के दो डोज हैं। यदि आप बच्चों को इस बीमारी से बचाना चाहते हैं, तो उनके लिए आवश्यक वैक्सीन डोज जरूर दें। लेकिन हल्के संकेत भी देखे जा सकते हैं, इसलिए बचाव के अन्य उपायों पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

  1. चीजों को शेयर न करें

जिन पर सलाइवा लगी हो, ऐसी चीजों को दूसरों से न शेयर करें, और दूसरों की चीजों का इस्तेमाल करने से भी बचें। जैसे कप और पानी की बोतल शेयर करने से बचें।ताकि आप इन चीजों से बच सकें, इन चीजों को अपने साथ कैरी करें।

  1. खांसते या छींकते वक्त सावधान रहो

जब आप छींकते या खांसते हैं, तो किसी कपड़े या रुमाल से अपने मुंह को ढकें। वहीं टिशु का उपयोग सबसे अच्छा होगा। उन्हें टिशु में छींकें, फिर इन्हें लपेटकर डस्टबिन में डाल दें। इससे संक्रमण का खतरा कम होगा और सलाइवा ट्रांसफर नहीं होगा।

  1. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं

बीमारी के दौरान घर पर रहने की कोशिश करें। इससे संक्रमण दूसरों तक फैलने का खतरा कम होता है। साथ ही, इससे आप अन्य चीजों से संक्रमित नहीं होंगे क्योंकि आपकी प्रतिरक्षा इस समय कमजोर होती है और कुछ भी आपको जल्दी संक्रमित कर सकता है।

  1. पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें

पानी और साबुन से अपने हाथ धोएं। अपने हाथों को साफ करना न भूलें जब कहीं बाहर जाएं या किसी बाहरी वस्तु को छुएं। ऐसे में, अगर आपके हाथों से कोई जर्म या बैक्टीरिया मिलता है, तो वे बाहर निकल जाएंगे, जिससे संक्रमण का खतरा कम होगा।

  1. घरेलू साफ-सफाई पर ध्यान

घर की सतह को स्वच्छ रखें। सतह पर विभिन्न बैक्टीरिया और जर्म आने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में नियमित रूप से बाल्टी, स्पंज, रबर के दस्ताने और सफाई स्प्रे बोतल से फर्श को साफ करें। बच्चे अक्सर सतह के संपर्क में आते हैं, इसलिए उन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है। बच्चों को इन बातों का भी ज्ञान देना महत्वपूर्ण है।

अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: One News Media

 

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