हिंदी सिनेमा की सदाबहार और गरिमामयी अभिनेत्री कामिनी कौशल अब हमारे बीच नहीं रहीं। अपनी सरल मुस्कान, सहज अभिनय और संवेदनशील किरदारों से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली यह दिग्गज अभिनेत्री लंबे समय से उम्र-संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। बताया जाता है कि पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत लगातार कमजोर होती जा रही थी और डॉक्टरों की सलाह पर वे अधिकतर समय घर पर ही आराम कर रही थीं। अंततः उनकी हालत ने साथ छोड़ दिया, और उन्होंने शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली।
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कामिनी कौशल का सफर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में किसी प्रेरणा से कम नहीं है। 1940 के दशक में फिल्मों में कदम रखने वाली इस अभिनेत्री ने अपने दौर के लगभग सभी बड़े कलाकारों—दिलीप कुमार, देवानंद, राजेश खन्ना—के साथ शानदार काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में शहीद, बिराज बहू, आरती, नया दौर और दिल्ली-6 जैसी कई यादगार फिल्में शामिल हैं। सरलता से भरे उनके अभिनय ने उन्हें दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों से भी भरपूर सराहना दिलाई।

उनके जाने से फिल्म जगत में गहरा शोक है। कई कलाकारों और फिल्मकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि कामिनी कौशल जैसी कलाकार पीढ़ियों में एक बार पैदा होती है। उन्होंने जिस गरिमा, अनुशासन और समर्पण के साथ अपना जीवन जिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।

अंतिम दिनों में वे अपने परिवार के साथ थीं और जीवन के प्रति उनकी सकारात्मकता आखिरी समय तक बरकरार रही। कामिनी कौशल का जाना न सिर्फ एक युग का अंत है, बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक उजला पन्ना हमेशा के लिए बंद हो गया।


