केरल में हाल ही में हुए सीरियल ब्लास्ट ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इन धमाकों में कोजिकोड, कोट्टायम और अलापुझा में विस्फोट हुए, जिनमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हुए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
NIA ने भी जांच शुरू कर दी है और आतंकी संगठनों के शामिल होने की आशंका जताई है। NIA का मानना है कि इतने करीबी क्षेत्रों में एक साथ विस्फोटकों का इस्तेमाल एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। एजेंसी आतंकी मॉड्यूलेस ओपरेट करने वाले संगठनों, जैसे PFI, SDPI आदि की भूमिका की जांच कर रही है।
इन घटनाओं ने पूरे केरल में दहशत फैला दी है। लोग डरे हुए हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन धमाकों के पीछे के षड्यंत्र को उजागर किया जाए। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में सभी दल एकजुट होकर खड़े होने चाहिए और शांति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें।
दुर्भाग्य से, केरल में राजनीतिक हिंसा की ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं। 2016 में, कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़पों ने राज्य की शांति भंग कर दी थी। ऐसे में फिर से ऐसी घटनाओं को दोहराने से बचना होगा। सभी राजनीतिक दलों और संगठनों को शांति बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेनी होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये धमाके केरल की सांप्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुंचा सकते हैं। राज्य की जनता ने हमेशा एकजुटता और भाईचारे का परिचय दिया है। ऐसे में, सभी समुदायों को मिलजुल कर रहना चाहिए और शांति व्यवस्था कायम रखनी चाहिए।
सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए और न सिर्फ इन धमाकों के पीछे के षड्यंत्र को उजागर करना चाहिए बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। प्रशासन को अलर्ट रहना चाहिए और खुफिया तंत्र को मजबूत करना चाहिए।
आम नागरिकों का भी योगदान अहम होगा। हम सबको सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना प्रशासन को देनी होगी। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी ज़िम्मेदारी से व्यवहार करना होगा और अफवाहों व भ्रामक सूचनाओं को फैलाने से बचना होगा।
आशा की जाती है कि प्रशासन की मदद से जल्द ही इन धमाकों का रहस्य सामने आ जाएगा। साथ ही, राज्य के लोग भी शांति व सद्भाव बनाए रखेंगे और इन हिंसक तत्वों को सफलता नहीं मिलने देंगे। एकजुट होकर केरल को फिर से शांति का प्रतीक बनाया जा सकता है।
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