संक्षिप्त जीवन परिचय
1935 में जन्मे धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक बनकर उभरे, और अपनी दमदार मौजूदगी और अभिनय क्षमता के लिए उन्हें बॉलीवुड का “ही-मैन” कहा जाने लगा। कई दशकों के अपने करियर में, उन्होंने शोले, सीता और गीता, और धरम वीर जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाईं।
अंतिम क्षण और परिवार का दुख

10 नवंबर 2025 को, धर्मेंद्र को सांस लेने में तकलीफ और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन, खबर आई कि उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार के साथ-साथ पूरी फिल्म इंडस्ट्री गहरे दुख में डूब गई।
खास तौर पर, उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल बहुत भावुक दिखे, और खबर सुनकर उनकी पत्नी हेमा मालिनी भी काफी दुखी थीं।
विरासत और प्रभाव
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धर्मेंद्र सिर्फ अपने समय के स्टार नहीं थे; वह युगों को जोड़ने वाले एक पुल थे। उनकी करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस ने युवाओं और बुजुर्गों सभी को आकर्षित किया, और उनके किरदारों में अक्सर एक्शन, ड्रामा, हास्य और संवेदनशीलता का मिश्रण होता था – जो एक दुर्लभ मिश्रण था। इंडस्ट्री में इस नुकसान को व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है, बॉलीवुड और टेलीविजन दोनों जगह उदासी का माहौल है।
उनके निधन के बावजूद, धर्मेंद्र अपने काम और अनगिनत प्रशंसकों के प्यार के माध्यम से अमर रहेंगे। उनकी आखिरी फिल्म, जिसका नाम इक खास 21 है (दिसंबर 2025 में रिलीज होने वाली है), सिनेमा के प्रति उनके अटूट समर्पण का प्रमाण है।
प्रशंसकों के दिलों में

सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर, प्रशंसक श्रद्धांजलि पोस्ट कर रहे हैं, अपनी पसंदीदा यादें और ऑनस्क्रीन पल साझा कर रहे हैं। कई लोग उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक गर्मजोशी वाले, विनम्र व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने प्रसिद्धि का बोझ गरिमा के साथ उठाया।
जबकि दुनिया धर्मेंद्र को अलविदा कह रही है, उनकी आत्मा जीवित रहेगी – सेल्युलाइड के फ्रेम में, उनके द्वारा जगाई गई हंसी और आहों में, और अभिनेताओं और प्रशंसकों की पीढ़ियों को दी गई प्रेरणा में। स्क्रीन के एक दिग्गज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा ज़िंदा रहेगी।



