डिजिटल ट्विन एक प्रौद्योगिकी है जो वास्तविक दुनिया के वस्तुओं, प्रक्रियाओं या प्रणालियों का एक डिजिटल प्रतिनिधि बनाती है। यह डिजिटल मॉडल या प्रतिरूप वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया के भौतिक गुणों, व्यवहार, संचालन और प्रदर्शन का एक सटीक प्रतिनिधित्व करता है। डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी में वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया का लगातार अपडेट होता रहने वाला डेटा होता है। यह डेटा उनके प्रदर्शन, संचालन और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का विवरण देता है। इस प्रकार, डिजिटल ट्विन एक वास्तविक समय का डिजिटल प्रतिनिधि है जो वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया के बारे में लगातार नई जानकारी प्राप्त करता रहता है।
डिजिटल ट्विन कैसे काम करता है?
(Digital Twin) डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी का काम करने का तरीका निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से होता है:
- डेटा संग्रह: पहले वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न स्रोतों से लगातार डेटा एकत्रित किया जाता है। इसमें सेंसर, कैमरा, एनालॉग-से-डिजिटल कनवर्टर और अन्य उपकरण शामिल हो सकते हैं।
- डेटा एकीकरण: एकत्रित डेटा को एक कोहीसिव डेटाबेस या प्लेटफार्म में एकीकृत किया जाता है। यह डेटा विभिन्न स्रोतों से आता है और इसमें वस्तु या प्रक्रिया के भौतिक, संचालन, प्रदर्शन और अन्य पहलुओं का विवरण होता है।
- डिजिटल मॉडल का निर्माण: एकीकृत डेटा का उपयोग करके वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया का एक डिजिटल प्रतिरूप या मॉडल बनाया जाता है। यह मॉडल उनके भौतिक गुण, व्यवहार, संचालन और प्रदर्शन का एक सटीक प्रतिनिधित्व करता है।
- वास्तविक समय में अपडेट: डिजिटल मॉडल को वास्तविक समय में लगातार अपडेट किया जाता है क्योंकि वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया का संचालन और प्रदर्शन लगातार बदलता रहता है। इसके लिए वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया से लगातार डेटा एकत्रित किया जाता है और उसे मॉडल में इंटीग्रेट किया जाता है।
- विश्लेषण और अनुमान: डिजिटल मॉडल का उपयोग करके वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया का विश्लेषण और मूल्यांकन किया जा सकता है। साथ ही इसका उपयोग उनके भविष्य के प्रदर्शन का अनुमान लगाने में भी किया जा सकता है।
- सुधार और प्रदर्शन में सुधार: डिजिटल मॉडल के विश्लेषण के आधार पर वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया में सुधार किए जा सकते हैं ताकि उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके।
इस प्रकार डिजिटल ट्विन तकनीक वास्तविक दुनिया की वस्तुओं या प्रक्रियाओं का एक डिजिटल प्रतिनिधि बनाकर उनका विश्लेषण और सुधार करने में मदद करती है।
डिजिटल ट्विन के प्रमुख घटक
डिजिटल ट्विन तकनीक के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
- भौतिक वस्तु या प्रक्रिया: यह वास्तविक दुनिया की वस्तु या प्रक्रिया है जिसका डिजिटल प्रतिनिधि बनाया जाता है।
- सेंसर और डेटा स्रोत: ये वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया से डेटा एकत्रित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें सेंसर, कैमरा, एनालॉग-से-डिजिटल कनवर्टर और अन्य उपकरण शामिल हो सकते हैं।
- कनेक्टिविटी और डेटा एकीकरण: यह वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया से एकत्रित डेटा को एक कोहीसिव डेटाबेस या प्लेटफार्म में एकीकृत करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- डिजिटल मॉडल: यह वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया का एक डिजिटल प्रतिनिधि है जिसमें उनके भौतिक गुण, व्यवहार, संचालन और प्रदर्शन का सटीक विवरण होता है।
- प्रदर्शन वैश्लेषिकी और रिपोर्टिंग: यह डिजिटल मॉडल के विश्लेषण और उसके आधार पर प्रदर्शन में सुधार के लिए उपयोग किया जाता है।
- प्रक्रिया और नियंत्रण: यह डिजिटल मॉडल का उपयोग करके वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया में सुधार करने के लिए किया जाता है।
इन विभिन्न घटकों का समन्वय डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी को काम करने में मदद करता है।
डिजिटल ट्विन के प्रमुख लाभ
डिजिटल ट्विन तकनीक के कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- बेहतर निर्णय लेना: डिजिटल मॉडल में वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण डेटा और जानकारी होती है। इससे बेहतर और सूचित निर्णय लेना संभव होता है।
- प्रदर्शन का सुधार: डिजिटल मॉडल का विश्लेषण करके वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया में सुधार किए जा सकते हैं ताकि उनका प्रदर्शन और दक्षता बढ़े।
- लागत और समय की बचत: डिजिटल ट्विन का उपयोग करके वास्तविक वस्तुओं या प्रक्रियाओं में समय और लागत की बचत की जा सकती है, क्योंकि इससे उनकी मरम्मत, रखरखाव और विकास में मदद मिलती है।
- जोखिम का प्रबंधन: डिजिटल ट्विन का उपयोग करके वास्तविक दुनिया में किसी भी जोखिम या संभावित असफलता का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और उसका प्रबंधन किया जा सकता है।
- अनुकूलनीयता: डिजिटल ट्विन वास्तविक वस्तु या प्रक्रिया को परिस्थिति के अनुसार अनुकूलित करने में मदद करता है।
- नवीन अवसर: डिजिटल ट्विन नए उत्पादों, सेवाओं और व्यवसाय मॉडलों के विकास के लिए नई संभावनाएं पैदा करता है।
इन लाभों के कारण डिजिटल ट्विन तकनीक का उपयोग विभिन्न उद्योगों में लगातार बढ़ता जा रहा है।
डिजिटल ट्विन के प्रमुख उपयोग
डिजिटल ट्विन तकनीक का उपयोग कई उद्योगों में किया जा रहा है। कुछ प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:
- विनिर्माण: डिजिटल ट्विन का उपयोग उत्पादन प्रक्रियाओं, मशीनों और उपकरणों के प्रदर्शन का विश्लेषण और सुधार करने में किया जाता है।
- स्वास्थ्य देखभाल: डिजिटल ट्विन का उपयोग मरीजों के स्वास्थ्य का मॉडलिंग और उपचार का विश्लेषण करने में किया जाता है।
- शहरी नियोजन: डिजिटल ट्विन का उपयोग शहरी अवसंरचना, यातायात और जनसंख्या का मॉडलिंग और विश्लेषण करने में किया जाता है।
- ऊर्जा और पर्यावरण: डिजिटल ट्विन का उपयोग ऊर्जा उत्पादन प्रक्रियाओं और पर्यावरणीय प्रणालियों का विश्लेषण और सुधार करने में किया जाता है।
- आपदा प्रबंधन: डिजिटल ट्विन का उपयोग आपदाओं और संकटों के प्रबंधन में किया जाता है।
- मरम्मत और रखरखाव: डिजिटल ट्विन का उपयोग मशीनों, उपकरणों और अन्य वस्तुओं की मरम्मत और रखरखाव में किया जाता है।
- नए उत्पादों का विकास: डिजिटल ट्विन का उपयोग नए उत्पादों के विकास में किया जाता है।
इन उपयोगों के अलावा डिजिटल ट्विन का उपयोग अन्य क्षेत्रों में भी किया जा रहा है।
निष्कर्ष
डिजिटल ट्विन एक प्रमुख प्रौद्योगिकीहै जो वास्तविक दुनिया की वस्तुओं या प्रक्रियाओं का एक डिजिटल प्रतिनिधि बनाकर उनका विश्लेषण और सुधार करने में मदद करती है। यह तकनीक वास्तविक समय में वस्तुओं या प्रक्रियाओं के संचालन और प्रदर्शन का अनुकरण करती है और उनके बारे में लगातार नई जानकारी प्राप्त करती रहती है।
डिजिटल ट्विन के विभिन्न घटकों, जैसे सेंसर, डेटा एकीकरण, डिजिटल मॉडल और प्रदर्शन वैश्लेषिकी, के समन्वय से यह तकनीक काम करती है। इस तकनीक के प्रमुख लाभों में बेहतर निर्णय लेना, प्रदर्शन का सुधार, लागत और समय की बचत, जोखिम का प्रबंधन और अनुकूलनीयता शामिल हैं।